नमस्ते प्रडाम और हम बाने गाईका अक्षरा गुप्ता
ए गाना के भाव बाव कि अंजनी भाया के अउरत कहतारी की सुनी
ये जाडा में रवा बहरा गाईल बाने
और येने परसानी हमरा होता कोना भाव से कहतारी का
कि जल्दी बहरा से घारे
रवा आयाई राजाजी
जल्दी बहरा से घारे
रवा आयाई राजाजी
येही जाडा में गवना कराई राजाजी
जल्दी बाहरा से घारे रवा आई राजा जी
एही चाडा में गवना कराई राजा जी
चोरी हमरो मार बड़ी रे
जावाने चोरी हमरो याद तोहरो सतावे रोजी हमरो
जाड जात ना इखे जाड जात ना इखे उड़े
सेर जाई राजा जी
एही चाडा में गवना कराई राजा जी
एही चाडा में गवना कराई राजा जी
और लाज्ट में कोँगा भाव में कहा तारी अवराज
पुते के पोरा बलम
हमरायावे ना है
हमरायावे ना राती के उँघाई राजा जी
जल्दी बाहरा से घहरे रवयाई राजा जी
एही चाडा में
गवना कराई राजा जी