Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
अगर वो प्रशाष होगा।
एज़ी मराज, एक समय की बात है, कथा आती है
कि एक विग्ति है, वो रोज देखता है।
वहाँ पर कई संत बैठे होते हैं आश्रम में,
वो रोज कीर्टन करते हैं बगवान के नाम का,
इसमर्ण करते हैं।
वह एक दिन सोचते,
वो सीधे चला गया है उस घड़े के पास। वह घड़े
से बाच्चीत कर रहा है। वह घड़े से कह वे,
कि थे गणे सोभागश्चाली। अरे रोज आपको संतों
का इसपर्श मिलता है। वह घड़ा कहता है,
आपको क्या लग़ रहा है कि स
पहले मुझे उडाली से खोदा कुणा,
फिर मुझे पीट, पीट कर बारिक किया गया,
फिर पानी डालकर गूदा गया,
फिर मुझे चाक पर चड़ा करके ठोक पीट करके आकार दिया गया,
इसके बाद अगनी में मुझेद謝謝 जया गया ?
तब कहीं जैकर केqi,ाज मुझे संतों का इपरस्पर्श मिला है।
तो वो विक्ति से कह भै कि कोई बी चीज आसानी से २ हम नहीं मिलते हैं।
मराज, बात सच है,
कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती.
यदी हमें लगता है कि एक दिन भक्ति कर लेंगे,
दो दिन भक्ती कर लेंगे,
भगवान मिल जाएं,
तो ये संभवने हो नहीं होगी.
यदि ऐसे ही भगवान मिलने लगते तो आज हर वेक्ति को भगवान मिल जाते थे
फिर सादु संत कई वर्षों तक ये तपस्या नहीं करते,
समाधी में लीन नहीं रहते
तो कोशिश किजिए कि आप मेहनत कर सकें
आज के समय में वेक्ति चाहता है फल पहले मिल जाएं
तो पड़ेगी और भगती कैसी हो भगती दो तरह की होती हो पहला निशकपट
मतलब आप ऐसी भगती कीजे जिसमें कोई शलकपट नहीं हो जो बिना शलकपट कीजे
और दूसरा आप भगवान के सुभाव एक भगती कीजे
मतलब दिन बर चिंतन कीजे सोची जस तरह से माता �
किता ये जवाब ढेता
आप दिन भर उन के बारे में कही न खई
कुछ तो बातयते से सोच विचार कर लीते हुँ
जिस तरह से प्रीयाबने प्रितं के बारे में सोचती है रहे हो प्रदेश में
लेकिन मन मे चिन्तन चलतो रही। आप भग्वान के
नांका चिंतन कर सकते हैं जितना हो सकता है है आप
भग्वान के बारे में पर मन में सोचिये
smoke angel लैगके बारे में समर्थ लिए और
दूसरों के लिए समय हैं,
स्वेयम के लिए नहीं।
तो कोशिश किजे कि आप स्वेयम के लिए समय निकाने सकें।
एकान्त में बेट करके स्वेयम को पहचानने का प्रयास कीज़ें।
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật