कब बिगडी बनाओगे, कब दर पे बुलाओगे
उम्मीद है आसी को सरकार निभाओगे
उम्मीद है आसी को सरकार निभाओगे
जिस चेहर आयानिवर पर रहती है नज़र रग की
जिस चेहर आयानिवर पर रहती है नज़र रग की
खेराए निवर पर रहती है नजर रभ की
कब एक जलक उसकी आसी को दिखाओगे
कब एक जलक उसकी आसी को दिखाओगे
सहराब करोगे कब
ये तिशन जिगर मेरा
कब अपनी मुहबत का एक जाम पिलाओगे
उम्मीद है आसी को सरकार निभाओगे
छोटा सहे मु मेरा पर बात बड़ी सी है
छोटा सहे मु मेरा पर बात बड़ी सी है
क्या आप मेरे दिल की बस्ती भी बसाओगे
क्या आप मेरे दिल की बस्ती भी बसाओगे
उठ जाएंगे सब परते दीदाने खुदा होगा
उठ जाएंगे सब परते दीदाने खुदा होगा
वो लैल की जुलफों को जब रुख से खटाओगे
वो लैल की जुलफों को जब रुख से खटाओगे
वो लैल की जुलफों को जब रुख से खटाओगे
वो लैल की जुलफों को जब रुख से खटाओगे
एकाश रियाजाए मुझदाई मदीने से
सरकार बुलाते हैं तुम नात सुनाओगे
एकाश रियाजाए मुझदाई मदीने से
सरकार बुलाते हैं तुम नात सुनाओगे
कब बिगडी बनाओगे कब दर पे बुलाओगे
उमीद है आसी को
उमीद है आसी को
सरकार निभाओगे कब बिगडी बनाओगे कब दर पे बुलाओगे