गाज़ाओ गटाया, गाज़ाओ, गाज़ाओ, गाज़ाओ, गटाया, गाज़ाओ
भासे गईले अखिया एहो पड़े जानी कली गईल कुबर
अच्छा
अब नहीं सुता बुसात के ये रानी हो गईनी दूबर
बासे का मूल लगता बाई
नाया करिता सुधु कोईले बानी जोल्दी गटाये न गबो
धोरी में जना भेखे खाए लगबो राजाजी गटाये लगबो
अच्छा कुबर
जो बले बाजा वानी चानी काटो अहो
चाना के साथ गुंब होई तोनी चाटो अहो
दिन होखे चाहे रात रहे लूबरम हो
सुनी के तो हर बतिया लाके सौरम हो
मीली न होई सनमू का दोबर बादमे पच्छता है लगबो
दोबर बादमे पच्छता है लगबो
भूली में चाना ढेके खाये लगबो
रजै जी मोटाये लगबो
भूली में चाना ढेके खाये लगबओ
रजै जी मोताये लगबो
रजै जी मोताये लगबो
रजै जी मोताये लगबो
अरजुन सावरिया एही के दुनिया दिवाना बाद
भाग से तोह के मिलोलो ऐसन जनाना बाद
बहुत कलमी हुपारे जाए चपक जाए
उठाबा के लोलिया पहले हुपारे जाए लबक जाए
खोलू साने ही हो जाए बही रोती ने पाती न चिकनाए लगबो
रजै जी मोताये लगबो
भोगी में चनाए के खाए लगबो
रजै जी मोताये लगबो
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