रोकारी हिदा बहुत ना लागा इले
कुवर स्टूटियो आरा
फागुन में जदी भावजी भाव तो खाईबू
एवारंसे ना तके कारासे लगावाईबू
फागुन में जदी भावजी भाव तो खाईबू
जनी कोरो निरास भाव जाई
रगारी रगार ना लागाई ना तो दवारू भाव आई
देना भाव लोग खाई देना मोका भेटाई
सुखल सरीर ना भेगाई अब आई नहीं हो नहाई
अब आई नहीं हो नहाई
काहे देरालू भावजी होई नहाई
देवरा के हाँत होला बात लो तुमानी
हारे जालो तौलो के जानत नहीं ही
होई नहाई
रौने कहतीर पहले भूस लावेलो
फिर कुछ जगहां तू हाँत लगावेलो
बोला कि कारा हम जाई दुहारी
हम का जाने
रौगर ही रौगर नहीं लगाई
ना तो देवरो भावाई
मौल भीना भावलो रखाई
भीना मोगा भेताई
सुखल सरीर नहीं भेगाई
अब आई नहीं हो नहाई