और मुरली मनोहर स्याम को
एजी पल पल करना याद
और बड़े दयालू हैं प्रभू दिखे सुनते हैं फर्याद
जी
तो एक दुख्या अपनी सक्यों से हर्दास करती
हैं बाबा मोहनाम के द्वारे पर जाने के लिए
तो क्या कह रही है बला
अरी चलो चलें री सहेली
बाबा के द्वारे पर
अरी चलो चलें री सहेली
मोहन के द्वारे पर
तुम मान लो मेरा कहना
अरी पेरे सांग चलो मेरी बेहना अरी तुम कुछ मत कहना
तुम सब सिंगार बनाओ अरी मतु ना मन में घबराओ
तुम सब सिंगार बनाओ अरी तुम ना मन में घबराओ
मरे मन
कारी रोग कटेगा अरी कुछ तारा ना गटेगा
मोहन के द्वारे पर अरी चलो चलें सहेदी मोहन के द्वारे पर