हमरे माईस्टर सहग उमर पचपन का दिन
कौनो लड़की लड़िकन के बीच का बात हा
लड़िका देखलस लड़की के मन चलात आशिक रहा
एकठे बात कहलेबा
का कहलस
यह
यह बात कहलेबा
चंचल चिराई कठे फोड़ा निंगे
लड़िका बोली बोला था
चंचल चिराई कठे फोड़ा निंगे
जैसे चोचल लावेनु हमरे दिलने
मुरे दिलने
मुरे दिलने फोधा लावेनु हमरे दिलने
मुरे दिलने
रानी, रानी, रानी, चुनर कोरिधा दे
रानी, रानी, रानी, सभर कोरिधा दे
रानी, रानी, रानी, सभर कोरधा दे
रानी, रानी, रानी, सभर कोरिधा दे
टुपट़ा, लाल, काईब ?
नयान कजरा खोरेब ?
सुनहला पाल घाएब ?
नयान कजरा खोरेब ?
सुनह्ला पा।
यान कजरा हरे作ोरो
ङम्माल, नयान आण कोरेब ?
सुनहला पाल घाएब !
आज समाज को देखते हुए एक कल्यूग चल रहा है
कल्यूग के अंदर बीता दिन त्रेता द्वापर सत्युग
एक कहानी सत्युग से मिली
सत्युग के अंदर बात लिखी गई
चैलाइन कभी जी भूमिका के अंदर बात लिखे
जब हिरे के पिरह बेदनों से जगर
दुख के दर्यां में दिन ये लगाता है गोता
लाल साये जिगर की तरप्ती सदा
आदमी का यरमान दिल में है रोता
सत्यवति भूपगाधी की सुन्दर सुता
ब्याहने जोग जब की सयानी हुई
ब्याह किस से कहा कौन कुल में करू
बस यही बात दिल में गलानी हुई
भाईया हो ए बाबु ए चच्चा
बेटिया सयान होनी ना का पारे का भार होनी हो फुलचन दिया
एकठे गीत लगल उहे गीत का बोल बाँ