नमी नवा रात में भीड होई भारी
कईसे मिलन होई बोला एप्यारी
प्लाइट ज़री चारोरी रही गाओ भारबोरी
लागे भेट होई नाक्षिले हाले में
सुना बोला पियर सूट पेनी खार रोहा बोरी लाल साल में
भेट होई जान मुर्दी के पंडाल में
बोज़ालो
मुर्दी के पंडाल में
मुर्दी के पंडाल में
लिजे हुई बदनाम
हमारीक्स नहीं ले पहता है
आकों तु छोड़ा जीद नई खे कौन उमिद नाओ बुतुला बढ़ा के जाल में
ना हो पी और सूट पेनी खार रोहा बोरी लाल
साल में भेट होई जान मुर्दी के पंडाल में
भाईल होई हो बुरा बिटोरे एसान
खेले बढ़ी आता भैल दालो के एसान
अई है सुबो सारारती
गई है बीटू हो आरती
होता जगराने ही साल में
पी और सूट पेनी खार रोहा बोरी लाल साल में
भेट होई जान मुर्दी के पंडाल में