भराजे बदरीया होत बर्सात बार।
ए जान
हारे
ये का कहला?
अच्छा है?
हा ता सुनना
बोला
बोलनीया में भेजक तु आजाय ज्झ़रेला
सुनना बारा
हा हू
गरोजी बदरावा ढरावा
लागोता ए जान
काहे?
कोईसे के
निकली बहारा बाइजन
ए,
मनमा बेज़ेनी में बाइजी न जोनी ताओ
अगी आजाओ बोलनीया के
कोसा हुन साहाओ
देखा खालो तड़ा भी जुली करेला
सुनना हो
बोलनीया में भीज़ के तु आजाय ज्झ़रेला
भईल बाते पाकी बिछुला हरये जान
काह?
गाऊ खाटे बाते नाई सहरये जान
ता उसे करुं?
बिछुल परे जाहा करना पाँ
जो अधित छोड़े हम खाँ
तुहारा यब तमो तबाती समुझेला
करो जाओ
बोलनीया में भीज़ के तु आजाय ज्झ़रेला
बेन को तु पेन जाहेलेला यो मरेला
आजाओ