ना जाने कितने दिनों से मेरी तनहाई को मुझे इस पल का अंतिजार थामुझे नहीं मालूम कि तुमारे दिल में क्या हैमैं बस इतना जानता हूँ कि आज का दिन मेरे लिए बहुत बड़ा हैमैं जानती हूँ तुमारे दिल में क्या हैलेकिन मैं यह नहीं जानती कि मेरे दुल में क्या हैमैं क्या चाहती हूँ, मैं किसे चाहती हूँमुझे कुछ नहीं पानालेकिन मैं यह भी जानती हूँकि तुम एक अच्छे इंसान होऔर आज तुम्हारे लिए बहुत बड़ा दिन हैलेकिन मैं क्या चाहती हूँ, मैं बिल्कुल नहीं जानतीलेकिन मैं क्या चाहती हूँ, मैं बिल्कुल नहीं जानतीलेकिन मैं क्या चाहती हूँ, मैं बिल्कुल नहीं जानतीभीगी करके बल्के मेरी रूँ खुश्क कर जाएतुम पुकारो यू हमें तो सास क्यों न थम जाएदिल पे दस्तक पे रही है यादों की एक हामशीचाहते हैं उनको कितना क्या उन्हें है क्या देबीसख्मों से दिल डरता है ये चोट फिर भी खा जाएभीगी करके बल्के मेरी तुम खुश्क कर जाएमंजिल है अपनी कहीं औररास्ते अपने कहींहम तुम्हारे बिन भी तनहा फुद्र को समझे थे नहींदिल पे दस्तक पे रही है तेरे दिल की राह भीचाहते हैं उनको कितनाचाहते हैं उनको कितनाउन्हें है याद भी उनकी चाहत कितनी है ये कैसे कोई समझाएभीगी करके बल्के मेरी तुम खुश्क कर जाएताश सारे पल तुम्हारे आबसे इन आँखों मेंइन में भी तेरे फसाने तेरे सपनेलाप्तों में दिल पे दस्तक दे रही है गुन्गुनाती सी हसीचाहते हैं उनको कितना चाहते हैं उनको कितना ज्याद भीगुन्गुना दो मुस्क ना दो चैने दिल को आजाएंभीगी करके उल्के मेरीकितना ज्याद दिल को आजाएं