भक्ति का असली मतलब क्या है
एर आथे आज आया है बठित क्या बात है माराज कितना शुंदर है कितना सुन्दर देखो चेहरा भी सुंदर है
वस्त्री सुंदर है ओणी नान करके फवित्र होकर आया है पर देखुए कितनी सामिग्रह है यह लुट दे ऐया का आश्न haven
एक माराज एक छड़ाना प्रारुम किया पहले मिठा यह क्या बात है अरे क्या बात है अरे जब यह इतना इतनी
इतना सुंदर यह वस्तुओं को लेकर आया है तो इसके अंदर कितनी सुंदर भावना होगी जब यह इतना सुंदर
है तो इसके अंदर कितनी सुन्दर भावना होगी माला ली गर्दन नीचे कर दी ठाकुर जी ने तरंत कले में डाल दी नारे लिया तरंत फोड दिया मारा रोली चावल बढ़िया तरह से लगाए और हाथ जोड़े भगवान स्री किशनी बिलकुल सावधान होकर सुन रहे थे
इसकी कितनी सुन्दर भावना होगी क्या बात है बोल भीया तू बोल और जैसे उसने बोला
मारा उनकी जो गर्दन तनके खड़ी थी ठाकुर जी वो नीचे होगी
मैं तो सोच रहा था
कि ये बड़ी सुन्दर भावना लेकर आया होगा
लेकिन ये भावना नहीं है
तो कामना लेकर आया है
उसने कोई उस्तुति नहीं करी
उसने हाथ जोड़कर कहा
है ठाकूर, माला चड़ाई है
मेरे पुत्र नहीं है, पुत्र दे देना
हे ठाकोर पंदरे रुपे का नारियल फोड़ा है
पंदरे करोड का फायदा तो कम से कम कंपनी में होना ही चाहिए
हे ठाकोर पाँच प्रकार की मिठाई चड़ाई है
घर में सुक्सानती आनी चाहिए
धान रखना बहुत खर्चा किया है
भगवान भी सोचने लगे 500 रुपे का सामान चड़ा के 500 करोड की संपत्ती मांग रहा है
ये काम ना
क्या इसी को भक्ती कहते है
क्या इसी को भक्ती कहते है
नहीं
ये भक्ती नहीं हो सकती
ये भक्ती का सरूप नहीं हो सकता
आप माला चड़ाओ मत चड़ाओ कोई दिक्कत वाली बात नहीं है
सुनने है सब बेकार है
माला जीरो
माला चड़ाई जीरो मिलेगा कुछ नहीं मिलेगा
नारियल चड़ाओ कुछ नहीं मिलेगा जीरो मिलेगा
मिठाई चड़ाओ कुछ नहीं मिलेगा
जीरो मिलेगा
कुछ नहीं मिलेगा
बोले है माराज
क्या इनको चड़ाना नहीं
न न न न
चड़ाना तो चाहिए
हर जीरो को
महत्म मिल सकता है
लेकिन
गोश्वामी जी कहते है
हरी
ब्यापक
सरवत्र
समाना और प्रेम
से प्रगट होई में जाना
मिल सकते हैं
हर जीरो को सम्मान
मिल सकता है
लेकिन जिस प्रकार तुम चड़ा रहे हो
उसी प्रकार तुमारे
सुन्दर भावना भी होनी चाहिए
माला चड़ाई
जीरो, नारियल चड़ाया
0. मिठाई चड़ाई, 0
अब जीरोजीरोजीरो को कैल्कुलेट करो
क्या आया? तो ले जीरो
लेकिन यदि आपने चतुरता से एक काम कर दिया
प्रेम चड़ा दिया
अपना प्रेम, तो नमबर मिल गया 1
क्या मिला?
तो ले मारा ही एक ही मिला
हो गया? 100, फिर जो तूने जो नारियल फोड़ा था ना,
वो जीरो उठके लग गई, आगे कितना हो गया? बोले एक अजार,
हर जीरो को मान मिल गया, बोले कब तक नहीं मिलता है?
बोले जब तक प्रेम नहीं चड़ाते, भावना नहीं चड़ाते,
और कव नहीं मिलता बले जब तक भावना न हो
भावना में भावना हो तो भावना बेकार है