शादिक महदबाब
पहला मेरा भैट होता
देखी के हान
तो हर माथा वा पोसेट होता
साधी के बहुत वाबू
पहला मेरा भैट होता
देखी के हान
तो हर माथा वा पोसेट होता
काँ सूको तारो
अभी ये जूको तारो
बला का बाते तो हर मूदा
तोहें महद नहीं ठे
की जब से भाइलू साधी सुधा चड़न थे पाना गुदा
कहता नहीं दिया हो तो हो काला हो कोनों रस्ता आला में न धाला हो
एगो हटला के पादर दोसरों साथी दावनों जाने तो हरे चलते दे हमें कमा जोरी भाईल
तो हरा ओर से चोरिया कोके सिना जोरिया भाईल
बर्बल पर छोड़ी रहा है बुझा मज़ी बुड़ी रहा है जाने वो ही से जुदा हो
कि जो से भाईलों साथी जुदा हो चाहते हपाना गुदा हो
कि अ कि बहुत हर होटान बहुत माराट्ट हो तो बुला जहां पुरान व उत्तरौल्व लुटाल भुर्वग सौने छोड़ और हो कि कोईसे भूलवरा मुंह दुरुकित
दोना दिल में तड़ा दुठा के इका कहो तारू
कोई से असली छोड़े के नपली संघे रहो तारू
बोलती ना लोहन हामार डाउ नाई लोहन हामार
जाना तारे भागा माना औरे खोदा
जाना तारे भागा माना औरे खोदा
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