सदिक महगबाब पहला मेरा भेट होता
सदिक महगबाब पहला मेरा भेट होता
सदिक महगबाब पहला मेरा भेट होता
देखी के हाल तो हर माथा अपोसेट होता
सदिक महगबाब पहला मेरा भेट होता
काई है सुखो तारो अभी ये जुखो तारो
वो लगा बाते तो हर मुधा हो
कि जब से भोईलू सादी सुधा हो
चड़ हल देहा पाना गुदा हो
कि जब से भोईलू सादी सुधा हो
कहता नहीं बिया हो तो हो काला हा
कौनो रस्ता आला है न धाला हा
एवो हटला के बाद गुजर साटी दावण
जाने तो हरे चलते देहा में
कम जोरी भाईल
तो हरा ओर से छोरिया कोके
सिना जोरिया भाईल
बर्दन पो छूड़ी रहे
बुझा मजबूरी रहे
बनी ओही स जुदा हो
कि जब से भोईलू सादी सुधा हो
जाने तो हरे चलते देहा में
कम जोरिया कोके
सिना जोरिया भाईल
जाने तो हरे चलते देहा में
जाने तो हरे चलते देहा में
तो भुला जहाँ पुरान रेस्टोरी हो
राजभो बहुत तु टेंशन छोड़े हो
अरे कैसे भुला है
जेकर अभी रोंग ही ना लागे
सोना दिल में दरा तु ठाके
इका को हो तारू
कैसे अचली छोड़े के नपली
सांग है रहा तारू
बोलती ना नहोन हमा
दाओ नहीं लोहन हमा
जाना तारे भाग माना औरे खोड़ा
कि जब से भईलू सादी की सुदा
चड़ा से हपना गुदा
जब से भाईलू सादी की सुदा
चड़ा से हपना गुदा
साद तारे पाई डाईन