देखी मैं अपने गाने पे काम
कर रहा हूँ
क्यूंके तूने कहा था
देखी मैं अपने कमरे को साफ
रख रहा हूँ
क्यूंके तूने कहा था
रात तो दाई से सोचा था
शाम को पारट में भी जाता हूँ
देखी मैं अपने सारे ख्याल
लिख रहा हूँ
क्यूंके तूने कहा था
क्याली ज़रूरी
है क्या मजबूरी
मेरी
संद्धान की जो बन करें आती
कहा से आए क्या लेके आए छोड़े नहीं
मजबूरी पीपाई
सिर्स्की याल लिखे रोता हूँ खुद से बाते भी कर पता
हूँ देर चिन में सबान थेओं सबान का चबा दोता हूँ
क्या ये ज़रूरी है क्या मजबूरी मेरी संद्धान की जो बन करें आती
कहा से आए
क्या लेके आए
छोड़े नहीं मजबूरी
है