लायो ले खाड़ बान चार बज़ भोरके
राउड दुरिया ये बाबाया भोरके
नाथ में खाड़ बान चार बज़ भोरके
राउड दुरिया ये बाबाया भोरके
जन्दुत केसे थुपे थुपे गिर गईले
खोली खोली नजर बाबा भीर बड़ी भैले
औरंगा भाद दाला जनले के आइले
सबे जाहता राप छुकेके गोरजी,
खोली नजर बाबा ओ बहिल भोरजी,
खिरपा कर्णे नाथ।
खुलल रमे सुक्से भारो रगारी जी,
अम्बा देवो के लोग खड़ा बाया गारी जी,
कितना लोग दर्सन दिनल फिर भाईले,
खोली खोली नजर बाबा भीर बाड़ी भाईले,
औरंगा बाद दाला जाले के आईले,
धागालो की कहराद आवे लोग गेट से,
देखे पूलिस बाबा मालो तावे बेट से,
मजबोडी के समझी बाबा,
सोरप सोहनु के बाबा दुके आरामान,
कामर लेके आहिल को करदा वहचान,
देखे तुरद से वोही निरगाईले,
खोली नाजर बाबा भीड बारी भाईले,
औरंगा बाद दाला जाले के आईले,