समय का अब ये हिस्सा जैसे नहीं है
समय का अब ये हिस्सा जैसे बदल रहा है
हैवानियत का ये जो प्याला चड़ रहा है
मौझूद है गवा तेरे अब तू ठहर जा
अब छूड छाड ये उमीदें घर को लोट जा
अब मुट्थियों से तेरे रेत फिसल रही है
हैरान ना हूँ तुझसे ये कुछ कह रही है
के बंदे तू बता के क्या है माझरा
फिरे क्यूं बाविरा ऐ बंदे तू बता
करता रहता है कैसी तू बहकी बातें
उससे डर हो सारा तेरा कर्मा जाने
अन होनी और अन देखिया तुझे दिखाए
जाने क्या है होने वाला तुझे बताए
के रुक जा तू समभल जा तू अब मान ले मेरी बात
के रुक जा तू समभल जा तू अब गिर पड़ेगा तू आज
आज
के बनदे तू बता के क्या है माझरा
फिरे क्यों बाविरा ऐ बनदे तू बता
ऐ बनदे तू बता बता बता