हे गिर्जा के लालिग जानन सबसे पहले तुम्हे बुलाए
हंसे बाहेनी कर स्वती माता
मेरे स्वर्य को देओ सजाए बीडा बादनी मात भवानी
ए भोले संकर भगवान विश्व नाश की कहूं कहानी
सच्चे दिल से कथा सुनाए गल्टी करियो माफ मिरी तुम
गड़पति तुमको तीस जुखाए सिव संकर के लास पती की
महिमा का में ध्यान लगाए विश्वनू जी नैनाभी से एक
कमल्पुष्प दी ना उपजाए कमल्पुष्प के प्रगते ब्रह्म
Peakă जल हर और अथाए कमल्पुष्प के प्रगते ब्रह्म proxy
پھر پرگٹے برمہ دیکھا جل ہر اور اتھائے میں رتبہ ہے کون دوسرا
اور کہیں کوئی نجر نہ آئے کمل پس پہ نجر گئی تو
گھس گئے پس پے کی کھنڈی ماں کئی ہزاروں سال گُجر گئے
کوئی دوسرا میلا بھی نہ آئے باپ تے آ گئے کمل پس پار
پھر برمہ آباج لگائے اگر دوسرا ہو کوئی تو
گل بھی میرے سامنے آئے نارایں پھر آئی سامنے
روپ چطر بھجلیوں پنائے برمہ بولے اہنکار میں
ناراین تم باد میں آئے میں تم سے ہوں بڑا جگت میں
برمہ اہنکار دکھ لائے میں تم سے ہوں بڑا جگت میں
میں تم سے ہوں بڑا جگت میں برمہ اہنکار دکھ لائے
سمتن کر کے ناراین بولے میں تم سے ہوں
چھوٹا نہ آئے تم میری نام بھی سے اپجے
کمل پس پے بیٹھے آئے جھگڑا ہو گیا دونوں کا اب
جھگڑے کو کون مٹائے تبھی ایک جو ترلنگ پرگٹا
دونوں کی آواز لگائے تم دونوں کا کروں فیصلہ
کون ہے چھوٹا کون ہے بڑا دونوں جاؤ مجھے گھوڑنے
میرے انت کا پتا لگائے جو بھی انت کا پتا لگائے
ہوگا وہ دونوں میں بڑا برمہ جی اوپر کو چل دیئے
بشنو جی پیچھے کو جائے برمہ جی اوپر کو چل دیئے
بشنو جی پیچھے کو جائے
برمہ جی اوپر کو چل دیئے
یگ پڑ یگ گئے رہے بیت تے
सन्त का पता चला कुछ ना आई विसनू जी तो वापस आगए
हाथ जोड़े के खड़े हो जाए ब्रह्मा जी तो चाल केल रहे
लिया केत का फूल उठाए मेरी गवाही फूल केत की
मैंने लिया है पता लगाए ब्रह्मा बोले विसनू जी से
देखो अभ मैं ही हुँ बड़ा जो तिरे लिंग से सिवसंकर
जी पल मैं ही बाहर आजाए बोले ब्रह्मा जूते बोले रहे
तुमको ना कुछ पता चला जूती गवाही फूल केत की
अभ ये कही न पूजा जाए जूती गवाही फूल केत की
जूती गवाही फूल केत की अभ ये कही न पूजा जाए माफी मांग रहे ब्रह्मा जी
हमको दो अभ तुम ही बताए कौन बड़ा और कौन है थोटा
अभ तुम हमको दियो बताए बोले सम्हू दौनों सुनलो
निराकार है सब से बड़ा मैं जो तिरिलिंग निराकार हूं
तुमको मैं अभ रहा बताए निराकार से सब कुछ जनमा
जिसमें सब ब्रह्मांड समाय उसमें से ही पैदा हैं सब
उसमें ही एक बिन मिल जाए जाओ ब्रह्मा रचो सृष्टी
और सृष्टी करता आये तरह तरह की रचना करके
सृष्टी को तुम दियो सजाये तरह तरह की रचना करके
तरह तरह की रचना करके सृष्टी को तुम दियो सजाये पिस्नू जी तुम करो पालना
और पालन करता कहलाये मैं करमों का करूं फैसला
जो कोई जैसा करम कहाये तीनों मिलकर एक बने तर
तीनों ही तो तिब्र कहाये ब्रह्मा विस्नू तिब्संकर फेर
तीनों सृष्टी नियम बनाये वो जो तिर लिंग तूपते है रूप में
कासी में फिर तीनों लाये कासी सिद को सबसे प्यारी
जो तिर लिङग इत्तान बनाये क़ें थापना जो तिर लिंग की
रमा विष्वनूत वे गुड़ गाए तारे विष्व के स्वामी है जो,
विष्वनात वो बोले जाए तारे विष्व के स्वामी है जो,
विष्वनात वो बोले जाए कासी मैं इस तान बनाया,
कासी विष्वनात कहलाये ब्रह्मा जी सुष्ठी को रचते,
और विष्वनू पालन करवाये कासी विष्वनात सिवसंभो,
भगतों के भंडार भराये जो भी जाके सिव को मनाये,
उसके सारे काम बनाये सिवसंकर के लास पती तो,
कण कण बीच में रहे समाये,
दास विकास ने लिकी कहाने,
भईया बिनोदने दिया सुनाये, कासी विष्वनात की गाता,
सब भगतों को दिल से सुनाये,
कासी विष्वनात की गाता,
सब भगतों को दिल से सुनाये,
भईया बिनोदने दिया सुनाये,