कही असनाई हर जाए के मन का राता हमार
एजी चोली ना चली घूमी आई ससुरार
कही असनाई हर जाए के मन का राता हमार
एजी चोली ना चली घूमी आई ससुरार
देखी रोज माई बियाचो हवा पेठावर
काहे नैखि पाहुन संगे घूमे कही लौवर
चली घूमी आई ससुरार एजी चोली ना चली घूमी आई ससुरार
पावलावश्यत्माश्यत्मानी परिशिणादी परिशिणादी
आई संसंजोग फेरू ना जाने जूती कब
जूतल बाड़ी गाव कूल ही बाचापन के सक्खी सब
आई संसंजोग फेरू ना जाने जूती कब
जूतल बाड़ी गाव folded virus
कूल ही बाचापन के सक्ही सबあれ हीरभा ने порफांनी कहली क्य份।
सरहज साली के दीतार
spool ke di diyataar
एजी चोली ना चली घूमी आई ससुरार
कही इसनै हर जाए के मन करता हमार।
एजी चलीना चली घूमी आई ससुरार।