नमस्ते प्रडाम और हम बानी गाईका अक्षरा गुप्ता।
एगो गाना के भाव बाव
कि एगो लड़की के साधी होता
और जब उस ससुराल जाताड़ी
तब पती के वेट करताड़ी
और अपना कहानी का बताओ ताड़ी अपना सुहाग रात की
आईं सुनल जाओ।
कि हामार
सक्खी हो सुहाग रात जीयान का दिहले
अच्छुमाले वही में राजा जी बिहान का दिहले
कि हामार सक्खी हो सुहाग रात जीयान का दिहले
अच्छुमाले वही में राजा जी बिहान का दिहले
कि
वही में प्रिवाद जी बिहान का दिहले
गुंगटा
हटावे में तीन घंटा लगाईले लासर फसर नाहीं हमसे तन को बतियाईले
कि उल्टा सीधा काम काके परसान का दिहले
अच्छुमाले वही में राजा जी बिहान का दिहले
मुड़ जब बानलत लगले अंघुआए
अंजनी
हरेंदर लगले जीवाजरावे
तहां मार सोचल अर्मान नोकसान का दिहले
अच्छुमाले वही में राजा जी बिहान का दिहले
अच्छुमाले वही में राजा जी बिहान का दिहले