जिन्दगी
इन रास्तों की तरह क्यूं है
जिन्दगी
इन रास्तों की तरह
क्यूं है
करवड बदलते अनचाहे मोड क्यूं है
कहने ंको तो एक कार्मा साद क्यों मैं...
तनः छलने को मजबुर क्यों है
कभी कोई मोड बदल देता है
कहीं कोई रास्ता ही छोड़ देता है
आहटे कद्मों की सुनाई देती हैं
हम सफर से बेखबर हम क्यूं हैं
करवड बदलते अनचाहे मोड क्यूं हैं
जिन्दगी
इन रास्तों की तरह क्यूं हैं
कभी उलजनों से नम गई हो
कभी इशारों पे थम गई हो
कुछ पल भर की रुकावटे
लागे सदीयों का बंधम
क्यूं है
करवड बदलते अनचाहे मोड क्यूं हैं
जिन्दगी
इन रास्तों की तरह क्यूं हैं
कभी एह मस्ताफ आगे निकल जाए तो क्या
कभी किसी के पीछे रह गए तो क्या
मन्जिल के पार जब जाना ही नहीं
रफतार में ये नशा क्यूं है
करवड बदलते
अनचाहे मोड
क्यूं हैं
जिन्दगी
इन रास्तों की तरह क्यूं हैं
जिन्दगी
इन रास्तों की तरह
क्यूं हैं
जिन्दगी इन रास्तों की तरह
क्यूं हैं
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