ज़िन्दगी सवाल थी
ज़िन्दगी सवाल थी
इदर किया करम किसी पे उथर जता दिया
जिन जता दिया
सिंदगी सवाल थी जो जवाब मागने लगे
फरिष्ट आके खाब में जो हिसाब मागने लगे
खाबों में यादों में आना ये तेड़ा
मुझ को यूँ सकाना ये तेड़ा
जूटा है ये प्यार सचानी ये प्यार
बस बस यही जूटे तेरी भाटे हाँ
जुगनू मुझ से आके हफताब मागने लगे
ज़रा सी दाद क्या मिली जान मागने लगे
जिन्दगी सवाल थी जो जवाब मागने लगे
जवाब मागने लगे
फरिष्ट आग के खाब में जो हिसाब मागने लगे
प्रस्तुति प्रस्तुति