तेरी यादों के दरिया चुद्धर मना ये ज़रूरी पादतेरी यादों के दरिया चुद्धर मना ये ज़रूरी पादज़रूरी था के हम दोनों तवा पे आरजू कर देमगर तेरी यादों के दरिया चुद्धर मना ये ज़रूरी पादतेरी यादों के दरिया चुद्धर मना ये ज़रूरी पादबताओ याद है तुमको मुझे दिल को चुड़ाया थाचुड़ाई ही चीज को तुमने पुदा कहा घर बनाया थावो जब कहते ज़रेरा नाम तुम सच सभी में पढ़ते होमहावद की नमा वो चला करने से ड़ते होनगर रभ जाना है वो बाते की महजबातेकेही बातों की बातों के उतरना भी ज़रूरी थातेरी आँगों के दर्यां उतरना भी ज़रूरी थावो जब कहते ज़रूरी था नाम तुम सच सभी में पढ़ते होमहावद की नमा वो ज़रूरी था नाम तुम सच सभी महजबातेवही है सूरत यह भी वही मैं हूँ भी तुम होमगर कोई आवा हूँ है मगर तुम भी कही तुम होमहावद में ज़रूरी थी सुन्दा दिल थे सुन्दा दिल हैभी नहीं है मन्दिलें फिर भी मुकाफिल थे मुकाफिल हैतेरे दिल के निकाले हूँ कहां अटल के कहां पुछींमगर भटके तो यादा आया भटकना भी ज़रूरी थामहावद करी ज़रूरी पिछडना भी ज़रूरी थाज़रूरी था कि हम दो मना तावे यादों चल थेमगर भिर नावों पिछडना भी ज़रूरी थातेरी यादों के दरिया उठरना भी ज़रूरी थामगर भिर नावों पिछडना भी ज़रूरी था