तेरी बातों में खो रहे हैं हम
अब तो रातों में सो रहे
हैं कम
जब से तू है मिला तो लगा
आज को तेरी आखों में है नया मासम
तेरा जहरा तो है आइने जैसा
मैं दिखूं कुद को बिल्कुल मेरे जैसा
कोई फर्क नहीं जीने और मरने में है उदे
ये यखी रोशनी करीब है तू
मेरा नसीब है
रोशनी करीब है तू मेरा नसीब है
सिंदगी मेरी अधूरी
है अधूरी बिना तरे
सिंदगी में तू ज़रूरी
है ज़रूरी अब मुझे
क्या मैं भी ज़रूरी हूँ तुझे
या फिर ये खयाली बाते हैं
क्या मैं भी ज़रूरी हूँ तुझे
अब तो चलते जाना है
हाथ धाम ले मेरा
रास्तों की परवा क्यूं मैं बनूंगा घर तेरा
जिसमें रहेंगे दोनों ही
होगी वहाँ पे रोशनी
आखों में कैसी है नवी
चल बांद ले
सबनों को तू चल बांद ले
हाथ मेरा
हाथ धाम ले
हाथ जिसमें रास्तों की परवा क्यूं मैं भी ज़रूरी हूँ तुझे
क्यूं मैं भी