हर दबती बात सेहाथ हटाना ज़रूरी नहींहर चुबती रात मेंआस जगाना ज़रूरी नहींहर दबती बात सेगर सच मुझ जानते हो खुद को करीब सेगर सच मुझ जानते हो खुद को करीब सेतो अपनी ये बातेसब को बताना ज़रूरी नहींहर दबती बात सेहाथ हटाना ज़रूरी नहींपल कटते ही नहीं सालों सेदुख जाते ही नहीं जजबातों सेपल कटते ही नहीं सालों सेदुख जाते ही नहीं जजबातों सेअश्क हो बहाने तोवक्त को रुकाना ज़रूरी नहींहर दबती बात सेहाथ हटाना ज़रूरी नहीं