जुदाई का मौसम महोबत में हर गम
तडपना दिल का भी जरूरी होता है
महोबत में हर गम तडपना दिल का भी जरूरी होता है
मुकरना आखों का बदलना बातों का बिखरना दिल का भी जरूरी होता है
कभी आसू बनके कभी बारुश बनके चलकना अश्कों का जरूरी होता है
जरूरी होता है महोबत में हर गम तडपना दिल का भी जरूरी होता है
तुझे डूना हर चेहरे में मेरा दिल तो है भटकता
गुजरते लम है मगर वक्त मेरा अब तक वहीं
तेरा मसाफिल तेरी गलियों के बताते हैं तुम असता है
तेरी आँखों में अब चेरा उन्हें गेरों का दिखता है
बटकना भी अक्सर कहीं उन राहों पर
तरसना दिल का भी जरूरी होता है
जरूरी होता है महोबत में हर गम
तड़कना दिल का भी जरूरी होता है
जरूरी होता है महोबत में हर गम