ज़रा ज़रा बहकता है बहकता है आज तो मेरा दंगनमैं प्यासी हूँ मुझे भरने उपनी बाहों ये है तीरी कसंग मुझे को सनो दूर गई आजा ये दूरी पहती है आसमी लाजीमैं बिनाओ मैं मिले रहा हूँ कि मैं करने कारण करने प्रमुखा भकर दें हूँ कि फल हुआ रहा है उपने मुर्ख टू और से आगर तो मैंने इतना भी आ कर दूर गए हुआइस जाहत की भारश मेंमेरी बुली बुली लड़ों को सुल जाएदो अपनी इंगलियों सेमैं तो हूँ इसी पाहिश मेंसरदी की रातों मेंहम सोए रहें के चादर भीहम दो तनहा होना कोई भी रहेंइस भर में जनाजमहकता लेआज तो मेरा तूमैं प्यासी हूँमुझे बर ले पूरी मां हूँतडबाएं मुझे तिरी सभी बातेंएक बार दिवणानेंतडबाएं मुझे तिरी सभी बातेंभूदाई सही यार तो करमैं नूली नई हसी उलागातेबेचैन करके मुझे से यूदा आखेर नजररूटेगा ना मुझे सेमेरे साथिया ये वादा करमेरे बिना उश्किल है जीना मेरा मेरे लेज़रा जरा महखता हैमहखता है आज तो मेरा तनोंगातप्यासी में मुझे बर देहोंी माँ भी हैमेरी कसम कुछ कसम बर गयाआपमेंआजा लिए दूरी रहती है रस्ती आजा लिए आजा लिए आजा लिए