मेरे लिए तो इद तेरा ना था
वो भी क्या जमाना था
इश्क नया चाहें वक्त पुराना था
वो भी क्या जमाना था
वो भी क्या जमाना था
चाहे मुकम्मर इश्क हुआना
बदले वफा के बाए है गम
जिसके हुए हारे ना उसी के
तेरी रजा में राजी है हम
याद तो होगी खिरकी वो मेरी
वो जो घर पुराना था
मेरी गली
तेरी गली
तेरा ठिकाना था
वो भी क्या जमाना था
है वो भी क्या जमाना था
वो भी क्या जमाना था