द्याहे जिनेका शुमचारः जिनेका
द्याहे जिनेका शुमचारः जीनेका
जहर को था गप्र न जान दल बरिहानी
गार जन कामनी दूस्ते निशानी
याहे जने का शुमाचार जने का
मन गार न कुर्ता भूगार निशानी
पोजार न भूजान मन माप गकनी
परवते बानूरे पुछत थूची परची तो तहले पाजिंदग रूची
तो हूरे तरी रंग मनी बागे गोलानी जार जन कामनी दूस्ते निशानी
जार को था धपन जानदल बर्हानी जार जन कामनी दूस्ते निशानी
जने का शुमाचार जने का जने का जने का
तो काहे कदी चम तई
रास रसका
वश्जी मेरी वादी तई चूडी कि जीली का
तो जिन्द बहिष्टे मनी नूरोंने गाए
शकाती तवाहा मनी जान को जाए
चो दूर मरा दूर मभूब्या मनी चानी
गार जन कामनी दूस्ते निशानी जार को था धपन जानदल बर्हानी
जार जन कामनी
दूस्ते निशानी ब्याहे जने काम शोमचार जने काम
ब्याहे जने काम शोमचार जने काम
मन सर जमारू काती मोहबते पुष्टा इगप जगर मने तरा चुत बरा पुष्टा
ब्याभ्या केन बामने नुभी तो दमानी तरा आजम ब्रमानी येहेच समानी
जीया जार को था जार मनी दिल बर्हानी गार जने काम नी दूस्ते निशानी
जार को था गापन जान दल बर्हानी गार जने काम नी दूस्ते निशानी
ध्याहे जने काम शोमचार जने काम
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