तु उल्टा न ताबे रुख उल्टा ये मोझे सवा तो क्या सूझी
शोले पो हवा देने में भला कि तरफ की अदा तो क्या सूझी
मजदार में जाकर किष्टी ने
रुख फेर दिया तुलपानों का रुख एदिदा आहे आहे
रुख फेर दिया तुलपानों का
साहिल से जो आई तुलपानों का
साहिल से जो आई तुलपानों का
रुख फेर दिया तुलपानों का
रुख फेर दिया तुलपानों का
रुख फेर दिया तुलपानों का
रुख फेर दिया तुलपानों का
क्यों उल्टा न का बे
क्यों उल्टा न का बे
रुख उल्चा ये मौझे सबा को क्या सूझी
छोले को हवा देने में भला पितरती अदा को क्या सूझी