तत्तु ज्ञानी उधोबेचारे फस गएउन अनपड़ कवार गुजरीयों के पल्लेकनईया ले कह दियाके ब्रिज में जाओऔर तत्तु ज्ञान देकर आओविचार मन में यह आता हैकि आखिर तत्तु ज्ञान है तो क्या हैतत्तु ज्ञानसिर्फ इतनी सी बात हैकि परमात्मा टीवी स्टेशन हैहम लोग टीवी सेटसास रूपी स्विच से ओन ओफ हो जाते हैंजो महा से पिक्चर ब्रोडकास्ट होती हैवो यहाँ पर चलनी शुरू हो जाती हैलेकिन जब ज्ञान की बातेतत्तु ज्ञानी उधो बताने लगेतो उन अनपड़ गमार गुजरीयों ने कह दियाप्रेम कली अतिसांपीया मैं दुई न समाजब मैं थी तब हरी नहींअब हरी है मैं नाये तो प्रेम की बात है गुदोप्रेम की बात है गुदोप्रेम की बात है गुदोकी बात है भूलो बंदगी तेरे बस की नहीं है ये तो खेम की बात है भूलो बंदगी तेरे बस की नहीं हैमुद्ध बोले मैं तत्व ग्यानी तुमने कैसे कह दिया कि बंदगी मेरे बस की नहीं है मैंने एवे ही क्रंथ पढ़ेया कहने लगी मुद्धों सुनोपोथी पढ़ पढ़ जगमो पंडित भयो नकोपोथी पढ़ पढ़ जगमोजगमो पंडित भयो नकोऔर धाई आखर प्रेम पढ़े सपंडित होयाहा सर्दे के होते हैं तादे हैंआशिकी इतनी सस्ती नहीं हैयाहा सर्दे के होते हैं तादे हैंकहने लगे अनपढ़ हो ना ऐसी बातें इसलिए कर रहे हैं अच्छा यह बताओ तुम कौन होऔर कनहिया कौन हैदो पांग दाए बोलीहम प्रेम दिवानी हैंहम प्रेम दिवानी हैंहो प्रेम दिवानाॐखें उधो हमें ज्ञान कीॐखें उधो हमें ज्ञान कीॐखें उधो हमें ज्ञान कीॐखें उधो हमें ज्ञान कीॐखें उधो हमें ज्ञान कीॐखें उधो हमें ज्ञान कीकोथी न सुनानाप्रेम दिवारी हैप्रेम दिवानाप्रेम दिवारी हैप्रेम दिवानापुधा बोलेअच्छा ये बताओकनहिया की पूजा करते होबजाए इसकेके गोपियां उसे जवाब देगोपियों ने कहाउधो ये बताओक्या कितावे पढ़ने से दिमाद खराब हो जाता हैबई कौन से ग्रंथ में लिखा हैजहां सखा भाव होमहापर पूजा होती हैप्रेमवालों ने कब वक्त पूछाउनकी पूजा में सुन ले एओधोप्रेमवालों ने कब वक्त पूछाउनकी पूजा में सुन ले एओधोअगर तुम कहते होकि आखे बंद कर लेनेकरने को माला हाथ में लेकर घुमाने को पूजा कहते हैं तो हां हम नहीं करते हैं क्यों कि माला तो कर दें और जीब फिरमेरे मुख माला है यह मनवा तो चहूं दिसी तिरे यह तो असमिरन उधो गहने लगे चलो पूजा ला सहीयाद तो करते होंगे कभी कहने लगी उधो अरे याद तो उसे किया जाता हैयादतो उसे किया जाता है जिसे कभी एक फ़ल के लिए भी भूल गए होविभान जहां तो दोध दोखते हैंतो मुझे रिशन 20 उठी आ हुआ हैदही भी लोते हैं तो मुख से कृष्ण कृष्ण होती हैं उपले ठाकते हैं तो मुख से कृष्णयहां तक कि जब रात को बच्चों को सिलाते हैं तो उन्हें लोरी नहीं सिलाई जाते हैंकृष्ण कृष्ण होती हैयहां दम दम मेंयहां दम दम में होती है पूजायहाँ दम दम में होती है पूजा सर जुकाने की पुरसत नहीं हैयहाँ दम दम में होती है पूजा सर जुकाने की पुरसत नहीं हैयह तो दिव की बात है उदोजुकाने की बातजुकाने की बात जो अर्थ अरथ ब्रह्यान देर शां Cole एमी दन भाओ, जुकाने की जुकाने की बात आको आकाम तीत पूर्व अंध।जो असल में है मस्ती में डूबे उन्हें परवा नहीं जिन्दगी कीजो असल में है मस्ती में डूबे उन्हें परवा नहीं जिन्दगी कीअगर कीर्तन में बैठकर सर हिला देने को मस्ती कहते होते दुनिया मस्त हो जाता हैकोई भी सर हिलाता वो मस्त हो जाता ऐसा नहीं हैकि जाम पर जाम पीने से क्या फाइदा हैजाम पर जाम पीने से क्या फाइदा हैरात भर जो पी सवेरे उतर जाएगीऔर दो घूट नजरों से पी ली अगरतो जिन्दगी नशे में गुजर जाएगीजाम पर जाम पीने से क्या फाइदा हैमस्ती क्या हैजब जब मस्ती का अर्थ नहीं पता होगाहम मस्ती लूटी नहीं सकतेपरदीब जी आ जाएविनोच जी आ जाए कोई भी आ जाएमस्ती तो अपने आप ही लूटनी पढ़ेगीक्योंकि जब तक हमें मस्ती का अर्थी नहींनहीं पता हम मस्ती लूप भी नहीं सकते मस्त जब तक इस मैं को अस्त नहीं करोगे भूलना पड़ेगा अपने आपकोजो उतरती हैं जो उतरती है चड़ती है मस्ती ही जो उतरती है चड़ती है माथे हीहो अगैक अनुमस्तीज है अब हांत ओठा के वो उसको यह जड़ती हैलोग कह देते हैंमेरे भीतर थाकुर विराजमान है बिल्कुल है सिर्फ उन्हें ढूंढना पड़ता है एक बार एक पंडिजीजापान में कफ़ा कर रहे हैं � बहिया मैं भी लूंगा गितना हात्म है उतना ही बहुत है अलग लीजिएकर दो कर दो लून प्राप्त नितला हो जापान मेंएक पंडिजी कथा कर रहे थे, जापान में अक्सर भूकम पाते रहते हैं, सब लोग महा के अभ्यास्त होते हैं, कथा करते करते अचानक ऐसी मविश्य, ऐसी महा पर उद्गोशना हुई,एक पंडिजी के भूकम पाने वाला है, सब लोग महा से भार भाग गए, जाकर जमीन पर लेट गए, पंडिजी महीं बैठे रहे, थोड़ी देर बाद जब भूकम शांत हुआ, सब आकर बैठे, आप पंडिजी शिरू करो,पंडिजी कथा प्रारंब करते हैं, इससे पहले एक प्रेमी खड़े हो गए, पंडिजी एक बात बताओ, भूकम पाया था, आपको डर नहीं लगा, कि हाँ मुझे डर लगा, हम लोग तो यहाँ पर अभ्यास थे, हम जाकर बाहर भाग गए, आप क्यों नहीं भागे, कहतेकौन कहता है मैं नहीं भागा, मैं भी भागा, फर्क यह है, तुम बाहर की ओर भागे, मैं भीतर की ओर भागा, कबीर जी ने बहुत सुन्दर एक दोहा कहा है, कि चलती चाकी देखकर दिया कबीरा रोए, और दो पाटन के बीच में साबित बचें रखोए, लेकिन मैं कहताहूँ, मोह माया दो पाट है, ये दो पाट जो बताए हैं, एक है मोह और एक है माया, मोह माया दो पाट है और धुरी भरी नाम, और उसका माया क्या बिगाड सके, जो ले धुरी को थाम,चलती हुई चक्की में जो दाना गेहुं का जाकर धुरी पे अटक जाता हैप्रेमियों लाग चाहने पर भी चक्की उसको पीस नहीं सकतेजिनकी नजरों में है शाम प्यारेवो तो रहते हैं जगते नियारेक्या कहते हैं जिनकी निगाहों में कनिया समा जाते हैंक्या कहते हैंकिस से नजरोंकिस से नजरोंतुझे देखने के बादकिस से नजरोंतुझे देखने के बादसर किस तरफ छुकाँकरचाकर किस तरफ जुपाऊं तुझे देखने के बादकिस से नजर मिलाऊं तुझे देखने के बादसर किस तरफ जुपाऊं तुझे देखने के बादसर किस तरफ जुपाऊंतुझे देखने के बादमैं खुद का पता न पाऊं तुझे देखने के बादमैं खुद का पता न पाऊं तुझे देखने के बादकिस से नजर मिलाऊं तुझे देखने के बादकिस से मिलाऊं तुझे देखने के बादकिस से मिलाऊं तुझे देखने के बादजूली कहा पैलाऊं तुझे देखने के बादजूली कहा पैलाऊं तुझे देखने के बादजूली कहा पैलाऊं तुझे देखने के बादजूली कहा पैलाऊं तुझे देखने के बादजूली कहा पैलाऊं तुझे देखने के बादप्यारे ये प्यार तेरा सत्संग में खिच लायाप्यारे ये प्यार तेरा सत्संग में खिच लायादिल की दिल की किसे सुनाओंदिल की किसे सुनाओंतुझे देखने के वाँदिल की किसे सुनाओंतुझे देखने के वाँआखिर recruitingदिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता हैकाद्मां तेरे दर्शन को तेरा दास तरसता हैकाद्मां तेरे दर्शन को तेरा दास तरसता हैजनमों पे जनम लेकर मैं हार गया मोहनदर्शन बिन व्यर्थ हुआ हर बार मेरा जीवनदर्शन बिन व्यर्थ हुआ हर बार मेरा जीवनअब धीर नहीं मुझे में कितना तुप रखता हैअब धीर नहीं मुझे में कितना तुप रखता हैप्यारे तेर दर्शन को तेरा दास तरसता हैप्यारे तेर दर्शन को तेरा दास तरसता हैकर तो लग दया मोहनदर्शन को दर्शन कोनातार कहा दे नैनों से दीर बहे क्यों देर लगा देनैनों से दीर बहे क्यों देर लगा देनातार कहा दे नैनों से दीर बहे क्यों देनातार कहा दे नैनों से दीर बहे क्यों देक्यों कि कनिया से कहा था एक बदकुछ दे याना दे शां इस अपने बिवाने कोकुछ दे याना दे शां इस अपने बिवाने कोदो आंसू तो दे देचर्णों में चढ़ाने को दो आतु तो दे दे चर्णों में चढ़ाने कोनरसी ने चढ़ाये थे मीरा ने चढ़ाये थे जब जब भी कोई रोया तुम दोड के आए थेजब जब भी कोई रोया तुम दोड के आए थेपूरा करते आसू हर एक हर जाने को दो आसू तो दे दे चरणों में चड़ाने कोदो आसू तो दे दे चरणों में चड़ाने कोआसू वो खजाना है मुश्किल से मिलताइनके चड़ जाने सेमेरा ठाकर फिगलताकाफी है तो भूदेमेरा शाम रिजानेतोकाफी है तो भूदेमेरा शाम रिजाने कोदो आसू तो दे देचरणों में चड़ाने कोदो आसू तो दे देचरणों में चड़ाने कोदुख में बह जाते हैं, खुशियों में ज़रूरी, आसू के बिना संजू, हर आख अधूरीखुशियों में बह जाते हैं, खुशियों में ज़रूरी, आसू के बिना संजू, हर आख अधूरीखुशियों में ज़रूरी, आसू के बिना संजू, हर आख अधूरी
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