सोने जैसी हो रही है हर सुबाह मेरे
लगे हर सांथ अभुगुताल से
पवन जोंगे आचन पिसा जोंगे
इन दिन जाये लगे उन हसने
वहां मन भावता आज उड़ चटा
जहां फर है घर जलो ना काना
जागे वही रख दे कई मन रंगों में
पवन जोंगे आचन पिसा जोंगे
इन दिन जाये लगे उन हसने
इन दिन जाये लगे उन हसने
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