एरा जाया जाया जाम
उठे दरत जब भोई पूरवाई
रह रही देहिया में आवे यंगडाई
जीयर तरसेब चुनरी करके
रहो निहारी सिंगार करके
दिल के प्यास बुछाजा
एरा जाया जाया जाम
उठे दरत जब भोई पूरवाई रह रही देहिया में आवे यंगडाई
जीयर तरसेब चुनरी करके रहो निहारी सिंगार करके
दिल के प्यास बुछाजा
चूरी कन के कोहोता कंगना खाली आओ ए मोरे सजना
लाली बिदी आयांक्खो के काजर कोरे ही सारा तन के गहना
चूरी कन के कोहोता कंगना खाली आओ ए मोरे सजना
लाली बिदी
आयांक्खो के काजर कोरे ही सारा तन के गहना
हाथ के मेहदी उठ के लाली रोजे सजाई तन के थाली क्रेम के पाहूर थाजा
इराजा या जा या जा
बरी पपीहा बोले कु बोली नजनत में माहु फ़ैलावे
चड़ ज़्यावानी मारे बोली भीतर भीतर आग लगावे
बरी पपीहा बोले कु बोली नजनत में माहु फ़ैलावे
चड़ ज़्यावानी मारे बोली
भीतर भीतर आग लगावे
बेधे करे जान भोली दिवाली रमवा बीन सदो लाजे खाली सुना पन के मिटा जान
एराजाया जाया जाँ
पवनी बयरीया हो सो उलावे अगना दुवारा ताटे धावे
रमवा हम दे खेल न खेली देवरा भी चाहे भुसिलावे
पवनी बयरीया हो सो उलावे अगना दुवारा ताटे धावे
रमवा हम दे खेल न खेली देवरा भी चाहे भुसिलावे
बेखी अभुना अवरिसा काईं जान एराजा भुखो मिटाईं आके दिललेता माझा
एराजाया जाया जाँ
उठेत रत जब भोहे पुरवाईं रह रही देहिया में आवे यंगडाईं
जीयरा तरसे चुनरी करके रहो निहारी सिंगारी करके दिल के प्यास बुछाँजा
एराजाया जाया जाँ