देश है देश है
देश है देश है
अपना देश है देश है
चलो साथ मिलके हम अब बढ़ाएं कदम
पत्रीली राहों में लड़कडाए नहीं
भले गम की बारिश होया तीखी खलिश
हम भीग करके भी कप कपाए नहीं
ये अपना दिश है दिल से संदेश है
कितने हो इंतिहा लेकिन हम एक है
ये अपना दिश है दिल से संदेश है
कितने हो इंतिहा लेकिन हम एक है
वक्त कमजूर है पर परवतों की शंक्ल साम चल रहा
हाँ
एक आरवाँ
मुस्कुराहट की फसलां के बीच बोते है जाना इस मिट्टी के
हम बाद बाद
ये दर्दी परशानिया दूए में उड़ती रहे
चाहे जितना भी पीछा ये कलती रहे
ये अपना दिश है दिल से संदेश है
कितने हो इंतिहा लेकिन हम एक है
ये अपना दिश है दिल से संदेश है
कितने हो इंतिहा लेकिन हम एक है
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