वितल हमनी के संगे लडिकैया
नाम अलग बावे कही बगैया
नाम अलग बावे कही बगैया
ते के माई के नई खिजा तब पानी जा भाई हो
जान चली हमरो जाई हो बाकि आरी ना तूट पाई हो
संगे के घुमा लका, संगे के पढ़ा लका,
जीवन भार ले याद रही
बच्चिपन से लेके बुढ़ापा तक ले
यारी जिन्दाबाद रही
चिल से आगे
बासभगा
करीका बढ़ाई हो,
भले जान चली हमरो जाई हो,
बाकि आरी न तूट पाई हो
येको ही
सत्व हो, धाई एके हात्व हो,
इप्यार कबोना कम होई
मिलके रहल जाई जनम जनम तक इकवोना ही खतम होई
निके सुभीर जेस के जोड़ी केहु न भुलाई हो,
भले जान चली हमरो जाई हो,
बाकि आरी न तूट पाई हो
भले जान चली हमरो जाई हो, बाकि आरी न तूट पाई हो