एक दिन गुझरे हैं आए हुए वो यादे हर पल सताती है जहां खेल कुद कर बड़े हुए वो मुझे बहुत यादाती है
जहां रे कांगले आई हाँ खबरिया कोई सन बाड़े सन मुर नाई हार में
जहां रे कांगले आई हाँ खबरिया
कोई सन बाड़े सन मुर नाई हार में
यादाती है अबतारे यादाती हम के सदावे
हम तो कहीं नारहनी होकेले में
जयारा लागे ना हमरो ससुरारे में
जयारा लागे ना हमरो ससुरारे में
जयारा लागे ना हमरो ससुरारे में
रहनी हम अंगला के चांदनीया
महाकत रहनी हम ता फुलावा के जायसा
रहनी हम अंगला के चांदनीया
महाकत रहनी हम ता फुलावा के जायसा
हम ता रहनी हां खिलवना अब हो गई नी भुलवना
हम ता कहियो ना रहनी
हां के जायसा
जियर लागे ना हमरो ससुरारे में
माये बिनारे लागे जद सुनसानरे बाबु और भाई बिना सगरो विरानरे
माये बिनारे लागे जद सुनसानरे बाबु और भाई बिना सगरो विरानरे
गौरी पांडे को है मन ना ही रानरे
गौरे पांडे को है मन ना ही रहे हम तो कहीं ना रहनी हकेले में जियर लागे ना हमरो ससुरारे में