वती में तग याद के
वती संगत याद वाँ
पसनी ये दंक दंका
चूशमूशा याद वाँ
अगमूर्ताशुमाः चम्मंगिल्लामवे
याद कने
खदबे आलमवे
याद मना के पसनी पुले
मंग्रेवन गिन्दा संगता कुले
मनी दिल्गुषी मन ब्यायम ब्याया
जिन्दा वपाको मकाया
जिन्दा वपाको मकाया
जुट्टी उजर इन सफर वशे
याद ये बाजार चुद कशे
त्याबे किनाराहु मना याद
पसनी दिल्कशित ही गौते
याद मना के पसनी पुले
मंग्रेवन गिन्दा संगता कुले
मनी दिल्गुषी मन ब्यायम ब्याया जिन्दा वपाको मकाया
काजिये गुब्दारोह
भरवशा
चून दिला नुर्खाना वती कशा
याद के उस्तादे जास मारा
नामी दपाके मनी बार बारा
याद मना के पसनी पुले
मंग्रेवन गिन्दा संगता कुले
मी दिल्गुषी मन ब्यायम ब्याया जिन्दा वपाको मकाया
निष्टगं पर्देशा परेशाना
इसमत कार मनना मेजाना
बिवस मजबूर गमाँ गारा
मनतर हर रोच दिला कारा
याद मना के
पसनी पुले
मंग्रेवन गिन्दा संगता कुले