गुजरे हुए पल वो बाते भुला दी
दिल में वो हल चल जान क्यूं ये रुना दी
आखों में यादे सपले थे अधूरे
तुझसे बिछड़के सास मेरी धम गई
क्यूं छोड़ गया तू दिल दर्द से भरा
आसु ये कहते
तू अब न रहा
तस्वीरे वो सारी
मन को चलाती
यादे तेरी पियारी
जस कटारी
गलने गहरी
वो कीस पुरानी
सोचू तेरी पाते
यादे पास ही
सावन की बून्दे
सावन की भुहार
दिल से छलकते
आसु की पुरानी
तौर
आसु की पुरानी