याहाजी ملنگ सरका
शहिर शहिर में
गली गली में पहाड़ी पर है धूम
आजी मलंग की
चोखट को तू ये दिवाने जूम बराबर जूम
जूम दिवाने मलंग की चोखट जूम
शहिर शहिर में गली गली में पहाड़ी पर है धूम
आजी मलंग की
चोखट को तू अल्लाहाजी मलंग की चोखट को तू ये दिवाने जूम जूम बराबर जूम
दिवाने मलंग की चोखट जूम
मलंग की चोखट जूम दिवाने मलंग की चोखट जूम
सेख
आ
इस चोखट पे आए सवाली
गया न कोई इस दर से खाली
इस दर से खाली आजी मलंग का दिवाना हो जा
आजी मलंग की धून में तू खो जा
इस चोखट का आदिम भी तो
होता है मह्रूम
जूम बराबर जूम
मलंग की चोखट जूम दिवाने मलंग की चोखट जूम
जूम
आजी मलंग का अब्दुर रह्मा
मत बोले जन्नत में जूला जन्नत में जूला जन्नत में जूला
छोड़े कर दर जीये कोई कैसा कहां से लाए मलंग कोई ऐसा
मलंग कोई ऐसा
नजर करम जब उनकी होगी धूम मचाले धूम
जूम बराबर जूम
मलंग की चोखट जूम दिवाने मलंग की चोखट जूम जूम
अपके
लाथी लेकर चड़े लोग दीने
तास पूली घड़के है सीने
घड़के है सीने
छहरे ठके हैं रुख पर ठकन हैं
आजी मलंग की तिल में लगन हैं
तिल में लगन हैं
किस पकलीप से आया है तू
आया है तू
मलंग को है मालूम जूम बराबर जूम जूम जूम बराबर जूम
नलंग की चोख़ट जूम दिवाने मलंग की चोख़़ट जूम
पहढडी वाले आजी मलंग शान नदर इनायत कर दो खोदारा
मैं हूँ तुमारे दर का दिवाना
पूरी हिमायत कर दो खोदारा
जिसने हाजी मलंग को पुकारा
उसको हाजी मलंग ने सवारा
लाज सबकी बचाते हैं बाबां उजड़ी दुनियां बसाते हैं बाबां
विदों को दिला से सफकीरों के भरते हैं कासे सरफराज उनके दम से भरम है
सब ये हाजी मलंग का करम है
लेके हक का खुमारा आ गए हैं
देखो दुलदुल सवारा गए हैं
हाजी मलंग शातूला
हाजी करों दिल जोई तामन में तुम
अपने छुपालो
देख सके न कोई
पहाड़ी वाले हाजी मलंग शानद्रे की नायत करदो
बाबा नजरे इनायत करदो
मैं हूँ तुमारे दर का दिवाना पूरी हिमायत करदो
बाबा पूरी हिमायत करदो
नहीं मिलेगा
ऐसा दाता
चाहे दुनिया भूम भूम भूम चुम बराबर चुम
बराबर चुम चुम
मलंग की चौकट चुम दिवाने
मलंग की चौकट चुम दिवाने
मलंग की चौकट चुम दिवाने
मलंग की चौकट चुम दिवाने
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