चलते हैं वक्त की हर तेज़िये रफतार के साथजिन्दगी कडती है चलती हुई तलवार के साथमुझको क्या देखते हो मेरा मुकातर देखोमैने धोके बहुत खाये हैं मगर प्यार के साथवो भी बदल गए जो कभी हम नशी रहेवो भी बदल गए जो कभी हम नशी रहेवो भी बदल गए जो कभी हम नशी रहेवो भी बदल गए जो कभी हम नशी रहेइनसान अपना वाप्त ना भूले कही रहेइनसान अपना वाप्त ना भूले कही रहेकुछ रोज हम भी तारी के दुनियाव दी रहेकुछ रोज हम भी तारी के दुनियाव दी रहेअन्जाम ये हुआ के कही के नहीं रहेअन्जाम ये हुआ के कही के नहीं रहेतुम एक तरफ के हाथों के अहेद तोड करेतुम एक तरफ के हाथों के अहेद तोड करेहम तो जुबाल दे के कही के नहीं रहेतुम एक तरफ के हाथों के नहीं रहे