आह...
आह...
प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान
प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान
प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्रश्चान प्
वो
वध्धी अजरक तू वच जाँ ता तू मा मुले दिल बर
वले मोरे वनी सक्रंड ता तू मा मुले दिल बर
वध्धी अजरक तू वच जाँ ता तू मा मुले दिल बर
जेन कलामला परमाशा गोठ पते महमद पली का
मेहरली पली
आईं जमादार महमद पली जी
कास परमाशा ओसमान भटी जी
आईं उझे भाव यूसव भटी होटल वारे जी
नकी सैंट खपेती शाल आहे अजरक तेही खयाल
मत भुल जी वनी पोई तू शैयाज इहा रख जा
भले मोरे वनी सक्रंट ता तू ममुले दिल पर
वथी अजरक तू वच जा ता तू ममुले दिल पर
मुल्ह मुण्डी जो कुछ ना है दिल अजरक थी जा है
मुल्ह मुंडी जो कुछ ना है दिल अजरक थी जा है
नकी वेस खपे नकी माथ वती अजरक तू वच जा
नकी वेस खपे नकी माथ वती अजरक तू वच जा
भले मोरे वनी सक्रंट ता तू ममुले दिल पर
वती अजरक तू वच जा ता तू ममुले दिल पर
उद्धात्ते प्र्याद करना
जाते हैं
उद्धात्ते प्र्याद करना जाते हैं
जसी सोईना सनम रायो
खान जंद जो तू रख जा
अले मोरे वणी सक्रंड ता तू मा मुले दिल पर
वथि अज रख तू अज जा ता तू मा मुले दिल पर
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