वलियों के वलि
आवलात अली यहें निंद के वाली
वहधत किसीया रोता है नुनम्वर
रोशन तेरी जानी तेरा सवाली
मैं तेरा सवाली
तग्री आया जो कोई
उसको नजराया हर सू तेरा साया
जो तेरा हुआ
रभ उसका हुआ
इसकी जो तलफ थी
उसने वही पाया
मुझे को भी तेरा
सदका हो आता
मंगतों की कभी भी
कोई बात न ताली तेरा सवाली
मैं तेरा सवाली
साकी मेरा तू
भर मेरा सुबू
देजा में सखावत
ऐसा की एवहधत
एकाजा पिया कर मुझे को आता
महशर का वसीला इमान की दौलत
फिर्पास मेरा रौसा है तेरा फल्कों में पिरो दे
मैं तेरा सवाली मैं तेरा सवाली मैं तेरा सवाली
तुम जाने नभी ओलाद अली जहरा के दुलारे असनैने के प्यारे
तुम उस माहा रूनी के हो जानशी
मुफलिस के मसीहा तुम सब के सहारे
एक यही
मिंती है मेरी मुझे को भी एखाजा रोजे पे बुलालो
नजरों को भरू दीदार करूँ
मैं इश्क में बह्कूँ तुम मुझे को समभालो
अग मेरी पियार लागे नाजीयां तिम पुंबिन सूने
आउलाद अली एहिंग के बाली मैं तेरा सवाली
मैं तेरा सवाली
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