สमारुत के रकअ हाथ दुरित लहि ज्य सुनो मेरि जाी हस्ते मुझे ये कह दो धीगे लबों की नरमी मेरे लिए है चावा नजर की मस्ती मेरे लिए है हसी अता की शोकी मेरे लिए है मेरे लिए लेके आई हो ये सौकार जहां तुम हो वहां मैं भी हूँ चूओ नहीं देखा पिछे रखा जहां तुम हो जहां मैं भी हूँ मेरे ही पीछे आखिर पड़े हो तुम क्यों एक मैं जवान नहीं हूँ और भी तो है मुझे ही घेदे आखिर पड़े हो तुम क्यों मैं ही यहाँ नहीं हूं और भी तो है जाओ जाके लेलो जो भी देदे तुम मेरे हाँ जहां सब है वहां मैं भी हूँ बादा करो नहीं छोड़ो कि तुम मेरा साथ जहां तुम हो वहां मैं भी हूँ जवा कई है लेकिन जहां में कोई तुम सी हसी नहीं है हम क्या करें तुम्हें मिलूं मैं इसका तुम्हें यकी है हम तो यकी नहीं है हम क्या करें ऐसे नहीं पूलो ज़रा देखो आपा इसी का तो देना होगा देदो मेरा साथ जहां तुम हो वहां मैं भी हूँ छोड़ो नहीं देखो ज़रा तीछे रखो जहां तुम हो जहां मैं भी हूँ जहां तुम हो वहां मैं भी हूँ