वो ये बात किस टेम की,
कि बेकरम को गंगला कुछ ताने से दे देती हैं,
तो अपने बड़े भाई दो रहे,
बेकरम आ जा के,
और के कहने ला गया बला,
नो बल्यारवा भादीना मनस खानी दान से,
तु दारू पीक पड़ जा,
तु दारू पीक पड़ जा, तु दारू
पीक पड़ जा तने के दान से,
वो भादीना मनस खानी दान से,
प्रपती भापी मात पराबर रहना चाहिए
प्रपती भापी मात पराबर रहना चाहिए
प्रपती भापी मात पराबर रहना चाहिए
प्रपती भापी मात पराबर रहना चाहिए
ना हुकम के तू कर आ गया में में
बड़ी भापी थोटे देवर न रहना चाहिए कहने में
बालक था जब बात और थी तू कर राख गयें में
पाती मात बरद खानी भाने गया
तू पर प्रपती भापी मात
पराबर रहना चाहिए ना हुकम के तू कर आ गयें
तू खो जा रहें दुनिया में जितने रसते सब देरे केसे हो जा रहें
गैर चलने की दीरी जड़के घर सुने देरे हो जा रहें
तू खो जा रहें यो बच्चरया धर्म इमान से
तू खो जा रहें बच्चरया धर्म इमान से
एरे इबडटटका
द्यके इबडटटका काम नहीं मिरे गात समाई ना से रे
आख्या द्यके
पत बतके मक्खी खाई जा से रे
तूनु जान रे दुनिया के मा
इसी लुगाई ना से रे
सड़ उठेगा धून गंगी में गणीखिंदाई जा से रे
उस गाई से उस राग नीम ध्यान से जै परिकास रे