सामरे को पुकार रहे हैं
किसी ने कहा
के मंदिर में रहते हो भगवन
कभी बाहर भी आया जाया कर
मैं रोज तेरे घर आता हूँ
कभी तुम भी मेरे घर आया करूँ
हमारे ठाकुर जी भी बड़े नखरे वाले कहने लगे
मैं क्यों आया करूँ भाई
जरूरत तेरे को है
आना तुझे है
दास भी विहर जी से कहता है
चलो तुम नहीं आओ तो चलो मुझे ही बुला ले
बेहारी जी मुझे बिला
बुला क्यूं नहीं लेते
बेहारी जी
बेहारी जी मुझे ब्रिंदा बिला क्यूं नहीं लेते
और क्या कहना है दोनों हाथ भकर
दर्द मेरे दिल का मिता क्यों नहीं देते
दर्द मेरे दिल का मिता क्यूं नहीं देते
दर्द मेरे दिल का मिता क्यों नहीं देते
क्यों नहीं देते बेहारी जी मुझे बिल्दावन भुला क्यों नहीं लेते
बेहारी जी मुझे बिल्दावन भुला क्यों नहीं लेते
बेहारी जी मुझे बिल्दावन भुला क्यों नहीं लेते
बेहारी जी मुझे बिल्दावन भुला क्यों नहीं लेते
दर्द मेरे दिल्धा मिटा क्यों नहीं लेते
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यों नहीं देते
दर्द मेरे दिल का क्यों नहीं देते
तुम्हें ही ढूडती रहती है नजरे मेरी
तुम्हें ही ढूडती रहती है नजरे मेरी
दिन तेरे कुछ भी नहीं प्यारे जिन्दगी मेरी
दिन तेरे कुछ भी नहीं प्यारे जिन्दगी मेरी
दिन तेरे कुछ भी नहीं प्यारे जिन्दगी मेरी
दिन तेरे कुछ भी नहीं प्यारे जिन्दगी मेरी
क्यों है श्याम सुनें
के आओ किसी शाम मुझे तूटते बिखरते देखो
आओ किसी शाम मुझे तूटते बिखरते देखो
नेरी रगों में जहर जुदाई का उतरते देखो
के किस किस से दुआओं में हमने मागा है तुमको
किस किस से हमने दुआओं में हमने मागा है तुमको
आओ मैं मांगा है तुमको
आओ कभी से जिदों में
मुझे से ससते देखो
और ये रोना से सकना क्यों
शाम सुन्दर
परसों का बादा करके गई बरसों बिता दिये
कि जाते जाते वो कह गए हम से
कि अब हम खौबों में आएंगे
जाते जाते वो कह गए हम से कि अब हम खौबों में आएंगे
वो एक बार आने का वादा तो करें
हम जिन्दगी भर के लिए सो जाएंगे
वो एक बार आने का वादा तो करें
हम जिन्दगी भर के लिए सो जाएंगे
बिन तेरे कुछ भी नहीं प्यारे जिन्दगी मेरी
बिन तेरे कुछ भी नहीं प्यारे जिन्दगी मेरी
बिन तेरे कुछ भी नहीं प्यारे जिन्दगी मेरी
आखिर बार की सीने से लगा क्यों नहीं लेते
आखिर बार की सीने से लगा क्यों नहीं लेते
अग एक बार ही सीने से लगा क्यों नहीं ले दे
अद मेरे दिल का मिटा क्यों नहीं ले दे
अद मेरे दिल का मिटा क्यों नहीं ले दे
तुम्हार नेरे दिल का विकात हो गई तेरे
बोलो राणा रण लाला की है
बोलो राणा रण लाला की है
सुना है पापी भी तर जाते है तेरे दर आखे
सुना है पापी भी तर जाते है तेरे दर आखे
सुना है पापी भी तर जाते है तेरे दर आखे
मैं आ गया हूं जमानी
मैं आ गया हूं जमानी
जब रास्ते में कोई पत्थर का टुकड़ा पड़ा होता है
प्राय लोगों को देखने को मिलता है कि आने जाने वाले राहगीर उस पत्थर के टुकड़े को ठोकर मारते हो चलते हैं
ठोकर लगते लगते लगते लगते लगते लगते एक दिन वोइ पत्थर का टुपड़ा श्री बिहारी जी की चोकड़ पर पहुच जाता है
और बिहरी जी इतने करुणा के सागर है इतने दयालूँ है
कि उस पत्थर के टुकडे को उठाते हैं और उपनी चौकट पर लगा देते है
परणाम क्या होता है
कि जो लोग उस पत्थर के टुकडे को ढोकर मारते हुए चल रहे थे न
वही लोग उस चोकट पर नाक रगडते हुए नजराते हैं
चोकट को चूचते हुए नजराते हैं
ऐसा कैसे हो गया
बिहारी जी की कृपा है
ये उनकी कृपा है
और जब भी कृपा होगी अहेतू की कृपा होगी
हमारे अंदर ऐसा कोई समर्त नहीं
हम ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते
जिससे ठाकुरजी प्रसन हो जाए
nothing
कुछ भी नहीं कर सकते
उनकी कृपा जब होगी
उनकी मरजी से होगी
उनकी इच्छा से होगी
और उस कृपा के पीछे कोई कारण नहीं होगा
अकारण करपा करने वाले है
जिसे हम कहते हैं
आहेतू की कृपा
कोई कारण में
लेकिन कृपा को प्राप्त करने के बाद
कृपा मिल जाने के बाद
ये जीव बड़ी जल्दी
एहंकार में आ जाता है
बिहारी जी की कृपा हो गई
हम बहुत बड़े हो गई
बड़ी उच्छे हो गई
ना ना ना बड़ी गलत फहमी नहीं किसी नगर में हाती पर बैठकर एक राजा की सवारी जा रही थी
लोग पुष्पों की बर्शा कर रहे थे
राजा भी बड़ा प्रसन नगर की जनता बड़ा स्वागत कर रही है
अब यहाँ तक तो सब ठीक है
कि नगर वासी अपने नगर के राजा के उपर पुष्पों की बर्शा कर रहे है
लेकिन गड़बड तब हो गई
कि जिस हाती पर बैठकर राजा चल रहे थे न
वो हाती ये समझ रहा था कि ये फूलों की बर्शा मेरे उपर हो रही है
खीक यही दशा हमारी है
हमें जरा भी सम्मान मिल जाता है जरा भी पद्ध प्रतिष्टा मिल जाती है
हम फूले नहीं समाते है
मद में आ जाते हैं एहंकार में आ जाते है
ये भूल जाते हैं ये जो कृपा है न
ये बिहरी जी की कृपा का प्रशाद है
और प्रशाद को बड़ी सहिस्ता से, बड़ी नमरता से, बड़ी साद्गी से, बड़े आदर के साथ ग्रहन गिया जाता है
तो कोई बड़ी बात नहीं कि एक पत्थर का टुपड़ा ठोकर खाते खाते पहुँच जाये कहीं पर
आपके सामने हम भी बैठे हुए हैं, हमें कोई जानने वाला नहीं था भिया
जब से बिहारी जी की कृपा हुई उनके भजन गाए तब लोग जानते हैं
आप हमारा सम्मान इसलिए करते हैं, हम आपको बिहारी जी के भजन सुना रहे हैं
हम आपको श्री राधाराणी के भजन सुनाते हैं
आप हमारा सम्मान इसलिए करते हैं
सम्मान इस चोले का नहीं उस नाम का है
उस किर्तन का चमत्कार है
और ये होता कब है
मैं आ गया हूँ जमाने ही भोकरें आगे
मैं आ गया हूँ जमाने की भोकरें आगे
अपनी चोखन का मुझे पाथर बना क्यों नहीं लेगे
अपनी चोखन का मुझे पतर बना क्यों नहीं लेगे
अपनी चोखन का मुझे पतर बना क्यों नहीं लेगे
अपनी चोकट का मुझे बातर बना क्यों नहीं लेते
बर्द मेरे दिल का मिटा क्यों नहीं लेते
बर्द मेरे दिल का मिटा क्यों नहीं लेते
बिहारी जी मुझे बिनतावं बुला क्यों नहीं लेते
बिहारी जी मुझे बिनतावं बुला क्यों नहीं लेते
बर्द मेरे दिल का मिटा क्यों नहीं लेते
बर्द मेरे दिल का मिटा क्यों नहीं लेते
मैं ठक गया हूँ जमाने के ताने बुन बुन कर
मैं तक गया हूँ जमाने के ताने बुन बुन कर
मैं तक गया हूँ जमाने के ताने बुन बुन कर
मैं तक गया हूँ जमाने के ताने बुन बुन कर
हो गया बावरा तेरे दर का बस तेरा बन कर
हो गया बावरा तेरे दर का बस तेरा बन कर
इस जगत जाल से मुझको भी बचा क्यों नहीं लेते
इस जगत जाल से मुझको भी बचा क्यों नहीं लेते
इस जगत जाल से मुझको भी बचा क्यों नहीं लेते
इस जगत जाल से मुझे को भी बचा क्यों नहीं लेते
दर्द मेरे दिल्दा लिखा क्यों नहीं देते
दर्द मेरे दिल्दा लिखा क्यों नहीं देते
दर्द मेरे दिल्दा लिखा क्यों नहीं देते
और दिहारी जी मुझे विग्रावन बुला क्यों नहीं लेते
विघारी जी मुझे विग्रावन
विग्रावन
बिहारी जी मुझे ब्रिंदावन बुला क्यों नहीं लेते
दर्द मेरी दिन का क्यों नहीं देते
बुलालो ब्रिंदावन की रधारी
बुलालो ब्रिंदावन की रधारी
बुलालो ब्रिंदावन की रधारी
बुलालो ब्रिंदावन की रधारी
बुला लो बुला लो बुला लो बुला लो
बुला लो बुला लो बुला लो बुला लो बुला लो बिरी का दबान हिर दारी हुआ है और क्वांटरी से पर्त क्यों
है क्यों बुर लावन—बुला लो भिरस्यान खिरिल कि वह मेरी कि यान की रंख加र को रही है
मेरी नईया डूब रही है
मोहन तुम देख रहे हो
आज जिसको अपनी नईया श्याम सुन्दर के हाथों में सौंपनी हो दोनों हाथ उठाकर बोलो
मेरी नईया डूब रही है
मेरी नईया डूब रही है
मोहन तुम देख रहे हो
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
आते आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कौन कौन चाहते श्याम सुन्दर का दर्शन आपको हो जाए
आज ही हो जाए
अभी हो जाए था फिर
मेरी नईया डूब रही है
मेरी नईया डूब रही है
मोहन तुम देख रहे हो
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते
वरेशु राधा माधम सरकार की है
वरेशु राधा माधम सरकार की है
वरेशु राधा माधम सरकार की है
वरेशु राधा माधम सरकार की है
वरेशु राधा माधम सरकार की है
वरेशु राधा माधम सरकार की है
सांसें अब तूट रही है
मोहन तुम देख रहे हो
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
सरकार आते आते बोलो बागे विहरी लाल की
उम्मीद है तुम्ही से मुझे आपका सहारा
उम्मीद है तुम्ही से मुझे आपका सहारा
उम्मीद है तुम्ही से मुझे आपका सहारा
क्या याद नहीं प्रीतम ये दास है तुम्हारा
क्या याद नहीं प्रीतम
ये दास है तुम्हारा
ये दास है तुमारा
क्या याद नहीं पीतम
ये दास है तुमारा
क्या याद नहीं पीतम
ये दास है तुमारा
किसमत अब रूठ रही है
किसमत अब रूठ रही है
किसमत अब रूठ रही है
उसमत अब रूठ रही है
मोहन तुम देख रहे हो
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
मेरी नईया डूब रही गए
रोती हुई पुकारे तुमको बुला रही है
रोती हुई पुकारे तुमको बुला रही है
रोती हुई पुकारे तुमको बुला रही है
रोती हुई पुकारे तुमको बुला रही है
रोती हुई पुकारे तुमको बुला रही है
मेरे बावरे से मन में जुआला जला रही है
मेरे बावरे से मन में जुआला जला रही है
मेरे बाबरे से मन में जुआला जला रही है
खाईशे ये जल रही है
मोहन तुम देख रहे हो
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
कहीं देर हो ना जाए सरकार आते आते
मेरे शाम, मेरे शाम, मेरे शाम, शाम, शाम
मेरे शाम, मेरे शाम, मेरे शाम, शाम
मेरे शाम, मेरे शाम, मेरे शाम, शाम
मेरे शाम, मेरे शाम, मेरे शाम, शाम
मेरे शाम, मेरे शाम, मेरे शाम, शाम, शाम
मेरे शाम, मेरे शाम, मेरे शाम, शाम, शाम
मेरे शाम, मेरे शाम, मेरे शाम, शाम, शाम
गुलुबां के भे हरी लाले की जैन