इशामान बसो बिंदावन में
मेरी उमर बेट गएगो कल में
इशामान बसो बिंदावन में
मेरी उमर बेट गएगो कल में
इशामान बसो बिंदावन में
मेरी उमर बेट गएगो कल में
तेरी दीद को मैं ना तरस रहे
बस तुम ही हो मेरे तन मन में
इशामान बसो बिंदावन में
में बसो विंदावन में मेरी उमर बीत गई गो कुल में
हे शामा आया द्वार तेरे सब अपनों को मैं खोकर
मुझे कट पुतली समझे कोई तो कोई समझे जोकर
मैं सुवेश शाम गुलामी करता जैसे कोई लोकर
जिसको दिल से अपना माना मार गया मुझे ढोकर
ये काना तुझको हाल बताने आया हूँ मैं रोकर
सब रिष्टे नाते छूठे है मैं ठक गया बोस को ढोकर
मेरी कामिया भी नहीं चुकती पीछे पढ़ गई हाथ को धोकर
मुझे चैन मिलेगा काना अब तेरी कोवत रेली सोकर
शामा आन बसो विंदावन में
मेरी उमर बिट गई गोकुल में
तेरी दीद को नैना तरस रहे
बस तुम ही हो मेरे तन मन में
शामा आन बसो विंदावन में
शामा आन बसो विंदावन में
मेरी उमर बिट गई गोकुल में
ना बेहन भाई ना दोस्त उचे सब पैसे का ही खेल
कुछ हास कर कले लगाते हैं पर दिल में उनके मैल
मुझे स्वागत के खेत में जोत रहे जैसे कोलू का कोई पैल
हेकाना देखो फिर भी कैसे सब कुछ रहा मैं जेल
हेकाना कल से मुक्त करो अब और न सह पाऊंगा
मैं सब से दूर हुआ किन्टू तुम से दूर न रह पाऊंगा
तुम खुद ही पढ़ लो मन मेरा ना शब्द भी कह पाऊंगा
मुझे कले लगा लो मात प्रेम नदी में पह जाऊंगा
नैना तरस रहे बस तुम ही हो मेरे तन मनों में
शमान बसो रिंदावन में मेरी उमर बीट गईगो कुल में
शमान बस तुम ही हो मेरे तन में
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