वो कल मुरली वाला उसकी मुरली बन जाओ
मैं उसकी और वो मेरा बस यही तरा ना गाओ
तो धड़कन सुनने आ जाना अपना दिदार कर जाना
ओ शाम आजा तू मेरे सामने
ओ शाम आजा तू मेरे सामने
ना दिल लगता ना मेरा भूँक प्यास ना लागे तू
ना सुनेगा दर्दे मेरा कहूं मैं किसके आगे
ओ पने पास बुलाले तू ओ काना गले लगाले तू ओ
आजा शाम आजा तू मेरे सामने
ओ आजा काना तू मेरे सामने
प्याई का क्या होता कैस तुझे समझाऊं
मैं जो बिछडे शामा तुझसे नहीं लोट कर आओ
हो काना मन कमीत है तू
मन्जद के मुख का गीत है तू ओ आजा कहने या मेरे सामने
ओ
आजा मुरली वाले
मेरे सामने