ये कच्चे इश्क के धागे
कहिए तूट न जाएं
जो उलज्जे हैं तो सुलझा ले
वे साइया
जुदा गर हो गए हम तुम
ये दूरी सह न पाएंगे
कसम से मर ही जाएंगे
वे साइया
वे साइया
कुमसुम सी आखों में आखों की बातों में सब हो गया है बयांग
चुप चुप के मिलना भी मिलना क्या मिलना है
कह दे तू भी जराएं
वे साइया वे साइया
वे साइया वे साइया
वे साइया वे साइया
वे साइया वे साइया
खूब सूरत इश्क है या खूब सूरत तुम
कैसे हो ये फैसला बोलो करें क्या हम
ओ रूह में मेरी बसा साइया
मुझकों मुझसे कर रहा साइया
आपको प्रश्चाद पर ज़िन्दा जाएँ
चाहूँ मैं चाहूँ तुझे अपना बनाऊं तुझे तू भी ले अपना बना
रूटा जो पाऊं तुझे आके बनाऊं तुझे हो जाऊं तुझ में पना
बे साइया