वन्दे कृष्णम वन्दे कृष्णम वन्दे कृष्णम
वन्दे कृष्णम वन्दे कृष्णम वन्दे कृष्णम
विश्वस्रुजन रहस्य सुलजाये
काल गति भाग्वत सिखाये
वन्दे कृष्णम वन्दे कृष्णम मoshiällo
कमल नाभ से ब्रह्मा आये
विराट रूप के सुत कहलाए
वंदे क्रिष्ना
विराट रूप के सुत कहलाए
वंदे क्रिष्ना
वंदे क्रिष्नाम्
चतुष्लोक श्री हरी पढ़ाये
ब्रह्मा जी ज्यानाम्रित पाये वंदे क्रिष्ना
ब्रह्मा जी ज्यानाम्रित पाये वंदे क्रिष्ना
वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना
धवल विमल हन्स जो पधारे, धवल विमल हन्स जो पधारे,
सनकादिक हरी रूप निहारे, वंदे क्रिष्ना,
सनकादिक हरी रूप निहारे, वंदे क्रिष्ना,
मत्स्यकूर्म भी हुए है विभू,
मोहिनी रूप से मोहित शंभु, वंदे क्रिष्ना,
मोहिनी रूप से मोहित शंभु, वंदे क्रिष्ना,
नार सिंह दर्शन भयकारे,
धिरन्य कशिपु नक्ष से विदारे,
वंदे क्रिष्ना, धिरन्य कशिपु नक्ष से विदारे,
वंदे क्रिष्ना,
वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना,
कन कन कन में वासुदेव है,
कन कन कन में वासुदेव है,
अनुभूती प्रहलाद की बोले,
वंदे क्रिष्ना, तीन प्रहलाद की बोले,
वंदे क्रिष्ना,
वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना,
तीन पगवली पुण्य जो पाए, सुतल द्वार हरी रखशक आए,
सुतल द्वार हरी रखशक आए,
वंदे क्रिष्ना,
वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना,
कपिल मुनी का सांख्य ज्ञान है,
कपिल मुनी का सांख्य ज्ञान है,
पुत्र से माता को दान है,
पुत्र से माता को दान है,
वंदे क्रिष्ना,
वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना,
रिशभदेव जी तारे जनजन,
रिशभदेव जी तारे जनजन,
प्रित्थु रूप में प्रिथ्वी दोहन,
वंदे क्रिष्ना,
प्रित्थु रूप में प्रिथ्वी दोहन, वंदे क्रिष्ना,
वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना, वंदे क्रिष्ना,
सत्य धर्म परायण,
मोहिने रूप धारी,
बली उधारक,
प्रहलाद प्रतिपालक,
त्रिलोक नाध,