लाहिकोहिते
Thanks by Deepak Dikash
फेके जवनिया से आगी हो उरा बदान भविल बागी हो
रही रही जोस जाता जागी हो असमन करे कोही भागी हो
हुझाई गलतीया हलतीया कि समझी रहता निरुजी हमु सोही सोही के
भविल बाग़ा वानिबे रहा मुए बलामुआ उठाता तरोधीया रही रही के
मुन्ना मोही तरुआ पारी हो
जनती जवानी घर में जोहरी हो
कहा जो गाड कौन कारी हो
चाके जितन्दा के हम धारी हो
पलीया जवानीया कि पूर के मोहानिया निकल जाई पूली बही बही के
भविल बाग़ा वानिबे रहा मुए सजानावा उठाता तरोधीया रही रही के