उड़ता फेरूं मैं
बादलों से उच्छा
जान्द सितारों से भी आगे
उड़ता फेरूं मैं बादलों से उच्छा
जान्द सितारों से भी आगे
जरन खुशी के बहत जहां पे घर मेरा है वहां पे
ख़ाबों के पीछे भागबन पड़ा जाने
खाबों के पीछे भागबन पड़ा
सारा आलम बन गया सावल खाब
आज जी रहा हूं जिन का खाब देखता था मैं
हाँ
उड़ता फेरूं मैं बादलों से उच्छा जान्द सितारों से भी आगे
जरन खुशी के वहत जहां पे घर मेरा है वहां पे
उजले दिल और रोशन छेहरे
रंग और खुशबू के हैं घेरे नीले आसमां से आगे कहकशां में कही हूं मैं
उड़ता फेरूं मैं बादलों से उच्छा
जान्द सितारों से भी आगे
जरन खुशी के वहत जहां पे घर मेरा है वहां पे
ज़ंग품